Saturday, August 20, 2022

INDRA KUMAR MEGHWAL POEM

                                            इन्द्र कुमार मेघवाल कविता 




क्या खता थी उस बच्चे की , जो घड़ा को उसने छू दिया ,

प्यास ही तो लगी थी , जो घड़ा की तरफ चल दिया | 

बस छुआ ही था  उसने घड़ा को , जो थप्पड़ उस पर जड़ दिया ,

मारा -पीटा जान -बूझकर क्यों कि ,उसकी जाति पिछड़ी थी | 

दर्द बहुत हुआ होगा  ,सोचा  क्यों छुआ हमने इस  घड़े को,

क्या पता था उस नन्ही जान को  , यह कितना बड़ा अपराध है | 

मार मार कर मार दिया इस नन्ही जान  को ,

बचा न पाए भगवान भी , उसका क्या  कसूर था | 

सजा जो मिली मौत की , पानी उसका कारन थी या था जातिवाद ,

बता न पाए भगवान भी ,उसने क्या कसूर किया,

क्या खता थी उस बच्चे की, जो घड़ा को उसने छू दिया | 

                        क्या पता था उस बच्चे को ,उसका सब कुछ निस्चय होता है इस समाज से ,

                        समाज में जहर जातिवाद का ,जिसने है घोल दिया 

                        आजादी के  75 साल बाद भी ,जातिवाद न खत्म हुआ | 

                        कितने मासूमों  की जान गईं , कितनों का घर बर्बाद हुआ  

                        सत्ता के गलियारों में ,इसका है कोई मोल नहीं ,

                        अपनी राजनीती चमका रहें ,लोगो के लाशों पर ,

                        खत्म करो इस जहर को ,वरना पड़ेगा पछताना ,

                        जिस दिन लोग जग गए निंदो से ,खत्म हो जाएगा यह खेल || 

                

                

बहुत -बहुत धन्यवाद् || 



Saturday, March 14, 2020

Delhi Roits, Delhi Danga , दिल्ली दंगा

दिल्ली दंगों के ऊपर हमारी एक मार्मिक कविता


क्या भूलूं क्या याद करूं
जो अपनों ने अपनों को ही मारा
या जो अपनों ने अपनों को दिया सहारा।
साथ मनाते थे ,ईद और दीवाली
आज निकाल रहे एक दूसरे का दिवाला।
कर रहे कत्लेआम एक दूसरे का
भूल गए कृतज्ञता एक दूसरे का।
घर फूंके, दूकानें जलाई,
मचाया  कोहराम सड़कों पे​
जैसे लगता है लोग भूल गए
आपस के प्यार और भाईचारे को।
अपने ही अपनों की
कैसे करेंगे नुकसान की भरपाई
सोचकर रूह कांप जाती है ,अपनी भाई।
कब समझेंगे ,मालूम नहीं
इन धर्म के ठेकेदारों की चाल
गर मरा होता इनका अपना
गर  फुके होते इनके अपने घर
तब जाके समझ में आती
इन लोगों का दर्द।
अगर पडो़गे इनके चक्कर में
हो जाओगे बर्बाद
अब तो हो पढ़े-लिखे
अब समझो इनकी चाल।
रोजी-रोटी पर  दो ध्यान
छोड़ो इस धर्म की चाल
वो धर्म भी क्या धर्म है
जो मानवता ना सिखा सकी।
क्या रखा है हिंदू मुस्लिम में,
बनो तुम एक नेक इंसान।

Thursday, February 13, 2020

Delhi election AAP ki jeet दिल्ली चुनाव

दिल्ली चुनाव का एक दृश्य इस एंजॉय करें



दिल खोल वोट किया लोगों ने AAP को
शाहीन बाग रास ना आया पब्लिक को।
आतंकवाद का मुद्दा चल न पाया बीजेपी का
विकास की राह पकड़ ली अब दिल्ली ने।
राजनीति का एक नया दौर है आया
मंदिर ,मस्जिद हिंदू-मुस्लिम,आतंकवाद लोगों को रास ना आया।
मुफ्त पानी और बिजली ने बीजेपी को खूब रुलाया।।
बीजेपी को राम का साथ ना मिल पाया
AAP को हनुमान ने दिल्ली पर विजय दिलाया।
लगा करंट ऐसा की झुलस गया कमल का फूल
झाड़ू ने साफ कर दिया पूरी तरह से कमल का फूल।
राजस्थान,एमपी, महाराष्ट्र है पहले ही चला गया
अब दिल्ली ने भी झाड़ू को है अपना लिया।
लगे रहो केजरीवाल
अच्छे बीतेंगे आने वाले 5 साल।।


बहुत-बहुत धन्यवाद!!!!

Tuesday, February 11, 2020

महंगाई मोदी सरकार जीएसटी 70 सालों में कुछ नहीं हुआ,

महंगाई और अन्य को लेकर एक छोटी सी कविता

बहुत हुई महंगाई की मार
अब जाएगी मोदी सरकार।
जो गैस सिलेंडर था 420 का
अब हो गया 820 का।
7.5%से गिरकर
4.5%पे आ गई है विकास दर।
फिर भी कहती है यह सरकार
बहुत हो रहा है विकास अबकी बार।
बेरोजगारी का है टूटा रिकॉर्ड
बहुत हुई महंगाई की मार
अब जाएगी मोदी सरकार।
एलआईसी एयर इंडिया बीपीसीएल बीएसएनल बेच बेच कर
राग अलापति रहती है यह सरकार
70 सालों में कुछ नहीं हुआ
तो फिर क्या बेच रही है यह सरकार।
बहुत हुआ महंगाई की मार
अब जाएगी मोदी सरकार।
बस नाम बदल बदल कर
बहुत कुछ दिखाना चाहती है यह सरकार
जब पूछो विकास दर, महंगाई और मांगो रोजगार
तो धर्म, जाति और पाकिस्तान का हथकंडा अपना लेती है यह सरकार।
बहुत हुआ महंगाई की मार
अब जाएगी मोदी सरकार।
बंद करो अब मूर्ख बनाना
क्योंकि जनता जान गई है तुम्हारी झूठी चाल
बहुत हुआ अब मोदी सरकार।।

Friday, February 7, 2020

Modi Government, Narendra Modi Sarkar

मोदी सरकार मेरी नज़र मे

नोटबंदी से हुए लोग बेहाल
जीएसटी से व्यापारियों का बुरा हाल।
राम मंदिर ने लोगों को खूब छकाया
तब जाकर मामला सुप्रीम कोर्ट आया।
 मंदिर का फैसला हुआ कोर्ट से
और सरकार बोले हमारी ओर से ।
फिर हुआ 370 का खेल
कश्मीरी परेशान हुए,
 इंटरनेट, कॉलेज बंद रहे स्कूल।
रुपया का गिरता डेली स्कोर,
जीडीपी गिरती धुआंधार।
5 ट्रिलियन का सपना कैसे होगा साकार
जब जनता और सरकार ,
फस गई है सीएए ,एनआरसी और एनपीआर ।
तो कैसे पूरा होगा विश्व गुरु का सपना ?
क्या यही है हमारा भारत
क्या यही है गांधी और बुद्ध का भारत
क्या गांधी ने देखा था ऐसा राम राज्य।
जब गोडसे हो गया है देशभक्त
मिटाई जा रही गांधी की पहचान ।
जो बुद्ध ने दिखाया था मार्ग
 लोग चलना नहीं चाहते उस मार्ग ।
अगर हमने नहीं अपनाया बुद्ध को
देश की स्थिति हो जाएगी बदहाल।।।

बहुत-बहुत धन्यवाद!!!

Thursday, January 2, 2020

New year poem

मेरी नई कविता नये साल पे

चला गय़ा 2019 धीरे -2
सिकवे शिकायत रह गये अधूरे -2||
कितनो के कुछ सपने पुरे हुये
तो कितनो के सपने रह गये अधूरे ||
क्या भाग दौड़ है ज़िन्दगी मे
साल बित गया यू ही भागा-दौड़ी मेँ ||
कोई हमे छोड़ कर विदा हुआ इस दुनिया से
तो किसी ने हमे गले लगाया आकर इस दुनिया में ||
किसी ने अपनी नई ज़िन्दगी की शुरुआत की
तो कोई गमगिन बैठा था किसी के इंतजार में ||
अब आगमन हो रहा है 2020 का
नये ज़ोश और विस्वाश का |
हम ये ख्वाहिश करते हैं कि
हमे मिलेगा जो हम चाहते है इस साल मे|||

Tuesday, April 2, 2019

Election2019, Mahasangram,Mahasummer Election,Lokasabha Election2019

Loksabha Election2109
Election2019

आया दिन चुनाव का ,
हो जाओ सब तैयार |
लेकर तुम वोटर कार्ड ,
पहुँचो तुम बूथ के पास |
लाइन में तुम लगना ,
अपनी बारी का इंतजार करना |
नहीं है तुमको घबराना ,
क्यूकि तुम्हें है देश का भविष्य सवांरना |
हो समस्या अगर किसी बात का ,
सम्पर्क करो तुम B.L.O. का |
समस्या को वो सुलझाएगा ,
तुम्हारा वोट दिलवाएगा |
वोट देकर करो तुम नेक काम ,
घूमो ,खाओ करो ऐशो आराम |
election sargarmi
लोकसभा इलेक्शन 2019 

INDRA KUMAR MEGHWAL POEM

                                            इन्द्र कुमार मेघवाल कविता  क्या खता थी उस बच्चे की , जो घड़ा को उसने छू दिया , प्यास ही तो लगी थी...